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सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मोबाइल से Resume बनाएं मात्र 2 मिनट में... देखें पूरा process

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 नमस्कार दोस्तों  मैं धीरज स्वागत करता हूं आप सभी का  DRJ Blogs  पर  इस ब्लॉग में मैं आप सभी को बताऊंगा कि कैसे आप एक रिज्यूम को अपने मोबाइल फोन से तैयार कर सकते हैं  सबसे पहले आपको एक ब्लैंक पेज लेना होगा जिसे हम ने तैयार किया है जो कि इसी पोस्ट के लास्ट में आपको उसका लिंक मिल जाएगा  और इस पर हमने एक वीडियो भी बनाई है जो यूट्यूब पर उपलब्ध है उसकी भी लिंक नीचे दी जा रही है  आप दिए गए वीडियो के माध्यम से पूरे प्रोसेस को जानिए  और फिर नीचे दी गई ब्लैंक फॉरमैट से अपना रिज्यूम मात्र 2 मिनट में आप तैयार कर सकते हैं केवल नाम और अपनी कुछ डिटेल्स चेंज करके  दोस्तों यूट्यूब पर उपलब्ध  DRJCommunity चैनल को भी  Subscribe करें  और किसी भी मोबाइल फोन से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए आप  TechDRJ   चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं  बाकी इस ब्लॉग पर भी आप रेगुलर अपडेट पा सकते हैं  किसी भी न्यूज़ रिलेटेड या किसी भी बुक का Review  ब्लॉक को विजिट करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद  नीचे दी गई वीडियो को दे...

29 सितंबर - "विश्व हृदय दिवस" पर जानिए, कैसे रखें अपने दिल का ख्याल ...

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  World heart day 2020 : 29 सितंबर को 'विश्व हृदय दिवस' मनाया जा रहा है. इस दिन का उद्देश्य लोगों को हृदयरोग के बारे में जागरूक करना है. हम हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाते हैं, लेकिन हम अपने हृदय को आखिर कितना जानते हैं?  जब तक हम हृदय की समस्याओं और सावधानियों को जानकर उनका पालन करना शुरु नहीं करते,  इस दिन का हमारे जीवन में कोई महत्व नहीं है। जानें हृदय रोगों की गंभीरता और हृदय को स्वस्थ रखने के उपाय -   कारण - हृदय रोगों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है हमारी अव्यवस्थ‍ित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण आदि, जिनसे यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। अधिकांश मामलों में हृदय रोग का प्रमुख कारण तनाव ही होता है और मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं भी हृदय रोगों को जन्म देती है। छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना अब आम बात हो गई है। मनाया क्यों जाता है - पूरे विश्व में हृदय के प्रति जागरूकता पैदा करने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालने के मकसद से दुनियाभर में हर साल 29 सितंबर को विश्व...

भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को दो शहीद का दर्जा

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केवल नरम दल के नेताओ को ही शहीद कहा गया.... गरम दल को आतंकवादी... बहुत अपमान जनक बात है.... जबकि ये हर कोई जानता है कि केवल चरखे से आजादी नहीं आयी.... इन्कलाब जिंदाबाद.... फोटो पर क्लिक करें और जाने कि भगत सिंह नास्तिक क्यूं  थे....  यह किसी से छिपा नहीं है कि आम लोग तो भगत सिंह को शहीद-ए-आजम कहती है। लेकिन सरकार ऐसा नहीं मानती। देश को आजाद हुए सात दशक से अधिक हो गए, लेकिन आज भी किताबों में उन्हें क्रांतिकारी आतंकी लिखा जा रहा है। 2013 में सरकार ने संसद में शहीद माना था, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड नहीं सुधारा गया आजादी से अब तक जितनी भी सरकारें आईं, वो इन क्रांतिकारियों को शहीद घोषित करने से बचती रहीं देश के लिए जान गंवाने वाले भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को सरकारी दस्तावेजों में शहीद का दर्जा देने की मांग करता हूं। आपका - DRJ🙏 दोस्तों शेयर करें....

मैं नास्तिक क्यों हूँ? भगतसिंह (1931)

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  मैं नास्तिक क्यों हूँ? भगतसिंह (1931) यह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार “ द पीपल “ में प्रकाशित हुआ । इस लेख में भगतसिंह ने ईश्वर कि उपस्थिति पर अनेक तर्कपूर्ण सवाल खड़े किये हैं और इस संसार के निर्माण , मनुष्य के जन्म , मनुष्य के मन में ईश्वर की कल्पना के साथ साथ संसार में मनुष्य की दीनता , उसके शोषण , दुनिया में व्याप्त अराजकता और और वर्गभेद की स्थितियों का भी विश्लेषण किया है । यह भगत सिंह के लेखन के सबसे चर्चित हिस्सों में रहा है। Only Rs 49/- Buy this book in Hindi Version स्वतन्त्रता सेनानी बाबा रणधीर सिंह 1930-31के बीच लाहौर के सेन्ट्रल जेल में कैद थे। वे एक धार्मिक व्यक्ति थे जिन्हें यह जान कर बहुत कष्ट हुआ कि भगतसिंह का ईश्वर पर विश्वास नहीं है। वे किसी तरह भगत सिंह की कालकोठरी में पहुँचने में सफल हुए और उन्हें ईश्वर के अस्तित्व पर यकीन दिलाने की कोशिश की। असफल होने पर बाबा ने नाराज होकर कहा, “प्रसिद्धि से तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है और तुम अहंकारी बन गए हो जो कि एक काले पर्दे के तरह तुम्हारे और ईश्वर के बीच खड़ी है। इस ट...

डार्क हाॅर्स-एक अनकही दास्तान

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प्रस्तुत पुस्तक :-  ' डार्क हॉर्स ' उपन्यास लेखक :-  नीलोत्पल मृणाल प्रथम संस्करण :- 2015  शब्दारम्भ प्रकाशन   पुनः मुद्रण :- 2019 eka हिन्दयुग्म सबसे बड़ी बात :-  साहित्य अकादमी युवा पुरुस्कार से पुरस्कृत  पुस्तक समीक्षा :-  रवि चरित्र  " डार्क हॉर्स " का  मतलब जब आप किताब पढेंगे तब पता चलेगा । यदि कभी आप IAS [ सिविल सेवा ] की तैयारी को तत्पर रहे हैं   तब यह किताब आप के मन को छू जाएगी । किताब में एक लाइन है  "पर नशा है IAS की तैयारी "  वो " मुखर्जी नगर " , बत्रा, कोचिंग का झुंड, विपरीतलिंगी आकर्षण, चाय का ज्ञान, जूनियर का स्वेग, गन्दे कमरे, विभिन्न संस्कृतियों का मिलन आदि ।  उपन्यास कई किरदारों को  साथ लिए चलती है, कई किरदार पर सबका लक्ष्य एक । सन्तोष ,राय साहब, गुरु, मनोहर , विगेन्द्रू , जावेद और भी सब । कई लोगों का एक सपने के लिए लड़ना, किसी का जीतना, किसी का हारना, किसी का भाग जाना पर अंत मे हर किसी को अपना " डार्क हार्स " पा जाना । लेखक नीलोत्पल मृणाल जी ने एक विद्यार्थी के एक महत्वपूर्ण कालखंड को बहुत खू...

दिल्ली HC ने गुंजन सक्सेना से जवाब मांगा कि क्या उनकी बायोपिक में आईएएफ को खराब चित्रित किया गया है।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के अधिकारी गुंजन सक्सेना को निर्देश दिया है कि अगर फिल्म में दिखाई गई घटनाओं, गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल, ने आईएएफ की छवि को धूमिल किया है, तो जवाब दाखिल करें। केंद्र ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली HC के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसमें फिल्म की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिका में केंद्र ने आरोप लगाया था कि जान्हवी कपूर-स्टारर ने वायुसेना को खराब रोशनी में चित्रित किया था। याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए, दिल्ली HC ने फिल्म की स्ट्रीमिंग को रोकने से इनकार कर दिया था और केंद्र से पूछा था कि उसने फिल्म की रिलीज़ से पहले अनुरोध क्यों नहीं किया। गुंजन सक्सेना: कारगिल गर्ल को 12 अगस्त को एक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया गया था। अदालत ने फिल्म के निर्माता, धर्मा प्रोडक्शंस और ओटीटी प्लेटफॉर्म को भी केंद्र की याचिका पर जवाब देने के लिए कहा था। इसके अलावा, अदालत ने सुझाव दिया कि पूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना को भी सूट के लिए एक पार्टी बनाया जाना चाहिए। उसे एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उसने केंद्र ...

Inner Engineering - सद्गुरू Book Reviews

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 नमस्कार साथियों ....!!!  class="separator" style="clear: both; text-align: center;">मैं धीरज आपके समक्ष आज सद्गुरु जी द्वारा लिखित Inner Engineering किताब की समीक्षा आप सब के सामने रखने वाला हूं...  मैंने आप सब के लिए पाठक दिलीप जी का रिव्यू आपके साथ साझा कर रहा हूं.... Review Points:-  Dilip Thadhani ...'don't judge a book by its cover' सीरीज की ही किताब है ये... कवर पेज और लेखक का नाम शायद धार्मिक पूर्वाग्रहों से भर दे... पर ऐसी किताब है नहीं... किताब की प्रस्तावना ही 'दो अक्षरों का एक बदनाम शब्द' से लिखी गई है... लेखक 'सदगुरू' स्वीकारते हैं कि 'गुरु' शब्द पिछले कुछ दशकों के सबसे बदनाम शब्दों में शामिल है... यहाँ तक कि यह शब्द अब अपने अर्थ 'अंधेरे को दूर करने वाला' को खोने लगा है, विस्मृत करने लगा है... कवर से किताब ब्रम्हमुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर ध्यान लगाने जैसे उपदेशों से भरी हुई लग सकती है... और हाँ, थोड़ी-सी ऐसी है भी... लेकिन बिना किसी उपन्यास या लम्बी कहानी की तरह पात्रों के माध्यम ...