भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को दो शहीद का दर्जा

केवल नरम दल के नेताओ को ही शहीद कहा गया....

गरम दल को आतंकवादी... बहुत अपमान जनक बात है....

जबकि ये हर कोई जानता है कि केवल चरखे से आजादी नहीं आयी....

इन्कलाब जिंदाबाद....

फोटो पर क्लिक करें और जाने कि भगत सिंह नास्तिक क्यूं  थे.... 

यह किसी से छिपा नहीं है कि आम लोग तो भगत सिंह को शहीद-ए-आजम कहती है।

लेकिन सरकार ऐसा नहीं मानती। देश को आजाद हुए सात दशक से अधिक हो गए, लेकिन आज भी किताबों में उन्हें क्रांतिकारी आतंकी लिखा जा रहा है।

2013 में सरकार ने संसद में शहीद माना था, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड नहीं सुधारा गया


आजादी से अब तक जितनी भी सरकारें आईं, वो इन क्रांतिकारियों को शहीद घोषित करने से बचती रहीं


देश के लिए जान गंवाने वाले भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को सरकारी दस्तावेजों में शहीद का दर्जा देने की मांग करता हूं।

आपका - DRJ🙏

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