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अमर शहीद शीतल पाल के बिना अधूरी है आजादी की दास्ताँ।

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     शहीद शीतल पाल (1797-1858) साथियों, अमर शहीद शीतल पाल की बहादुरी की गाथा सुनकर पूरा जिला आज भी गर्व से भर उठता है। ||जयंती - 09 September 1797|| ||पुण्यतिथि -23 February 1858|| 1857 की क्रांति में जब देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी की किरण दिखाई पड़ने लगी तो राष्ट्रीय समाज के लोगों ने हथियार उठाने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई थी।  अंग्रेजो के दांत खट्टे कर देश के प्रति कुछ भी कर गुजरने का संदेश दिया था।  इसी तरह भदोही जिले में राष्ट्रीय समाज से आने वाले शीतल पाल ने भी उस दौर में ऐसे ही साहस का परिचय देते हुए घोड़े से भाग रहे क्रूर अंग्रेज अफसर विलियम रिचर्ड मूर को अपनी (भेड़ो के लिए पत्ते काटने वाला हथियार) लग्गी (कटवांसी) से जमीन पर गिरा दिया था और मूर का सिर कलम कर दिया।  इस घटना के बाद अंग्रेजों ने शीतल पाल को गिरफ्तार कर फांसी दे दी। फांसी मिलने के बाद शीतल पाल हमेशा के लिए अमर हो गए।  उनके साहस और बलिदान को लोग आज भी गर्व से याद करते है। दरअसल 1857 की क्रांति के दौरान भदोही में अंग्रेजी हुकूमत द्वारा किसानों के खेतों पर जबरन करा...

जंगल का सुकूं

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किसी जंगल को भी सुकून मिलता होगा शहर को जलते देखकर, कि उन्हें जलाकर कभी शहर बनाए गए थे..! 💔 - बड़े साहब 

उत्तर प्रदेश के इस जिले में 333 दिनों से धनगर समाज का धरना-प्रदर्शन अनिश्चित काल के लिए जारी

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उत्तर प्रदेश के इस जिले में 333 दिनों से धनगर समाज का धरना-प्रदर्शन अनिश्चित काल के लिए जारी Read full article here

Examination Plan and Syllabus of written examination for selection on vacant posts of direct recruitment of UPSSSC Draftsman and Cartographer

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Examination Plan and Syllabus of written examination for selection on vacant posts of UPSSSC direct recruitment of Draftsman and Cartographer There will be one question paper in the written examination, which will contain 100 questions and the total time duration will be two hours. The questions of the examination will be objective and multiple-choice type. Each question will be of one mark. There is a provision of negative marking for each wrong answer for the examination, which will be 25 percent i.e. ½ of the marks prescribed for that question. Examination Plan The parts of examination, subject, number of questions, total marks and time period will be as per the details given below-      Part Subject No. of Questions Total Marks  Time Period Part-1 1.- Drawing Instrument and Software 15 15 2. Calculation and I...

भारत की अति पिछड़ी जातियां एवं उनकी वर्तमान स्थिति एवं सुधार।

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अति पिछड़ी जातियों की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन उनकी समस्याएं अभी भी व्यापक हैं। सामाजिक भेदभाव, आर्थिक असमानता, और शिक्षा की कमी उनके जीवन को प्रभावित करती हैं। सरकारी प्रयासों के बावजूद, उन्हें समग्र विकास की ओर ले जाने के लिए अधिक समर्पित नीतियों और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता है। भारत में अति पिछड़ी जातियों (Extremely Backward Classes - EBCs) की स्थिति ऐतिहासिक, सामाजिक, और आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण रही है। हालांकि, समय के साथ विभिन्न सरकारों ने उनके उत्थान के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन फिर भी कई समस्याएं बरकरार हैं।    1. सामाजिक स्थिति: भेदभाव: भारतीय समाज में जातिगत भेदभाव की लंबी परंपरा रही है, और अति पिछड़ी जातियों को विशेष रूप से सामाजिक असमानताओं का सामना करना पड़ता है। कई ग्रामीण इलाकों में उन्हें अभी भी ऊँची जातियों द्वारा भेदभाव का सामना करना पड़ता है। सामाजिक बहिष्कार: इन्हें कई बार गांवों में सार्वजनिक स्थलों पर या धार्मिक आयोजनों में भाग लेने से वंचित किया जाता है। 2. आर्थिक स्थिति: गरीबी: अधिकांश अति पिछड़ी जातियां गरीब हैं और उनके पास...