प्रेम मंदिर - वृन्दावन
प्रेम मंदिर की भव्यता और कलात्मकता देखते ही बनती है। मंदिर परिसर में बगीचे, फव्वारे, श्रीकृष्ण और राधा की मनोहर झांकियां, श्रीगोवर्धन धारण लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीलाएं दिखाई गई हैं।
इस मंदिर को बने महज 9 साल का ही वक्त हुआ है. लेकिन अपनी भव्यता, खूबसूरत शिल्पकला और लाइट एंड साउंड शो की वजह से इसने वृंदावन में अपनी अलग पहचान बना ली है।
मन्दिर के वीडियो शो फव्वारे पर दिखाए जाते हैं...जो मन को मोह लेते हैं.. ये शाम को 7 बजे दिखाया जाता है...
मैंने इस मन्दिर में बहुत ही साफ सफाई देखी...
मन्दिर के संपूर्ण परिसर में टाइल्स लगे हुए हैं...
मन्दिर परिसर में ही एक भोजनालय भी उपलब्ध है...
मंदिर के प्रवेश द्वार में भी उत्कृष्ट कला कृतियां अपनी बनावट से लुभावना प्रतीत होता है...
कृपालु महाराज ने इस मंदिर के माध्यम से पूरे विश्व को आपसी प्रेम-सौहार्द और भक्ति का संदेश दिया , इसीलिए इस मंदिर का नाम प्रेम मंदिर रखा गया।
मोहन की नगरी में बना प्रेम मंदिर कलाकारी का अनूठा संगम है इस मंदिर को दिन में देखने में जितना आनंद आता है उससे कहीं अधिक आनंद की अनुभूति रात को होती है जब यह चारों ओर से लाइटों की रंग बिरंगी रोशनी में अपनी आभा को खेलता हुआ सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है।
प्रेम मंदिर की नक्काशी सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है, मंदिर में लगे पत्थर और उसमें की गई कारीगरी के साथ रंग बिरंगी लाइट हैं, जो मंदिर को और भी खूबसूरत बनाती हैं।
