ट्वेल्थ फ़ेल - अनुराग पाठक
कुछ लड़के गुरुजी के यहाँ साल भर पढ़ते पर उपलब्धि के नाम पर एक अदद प्रेमिका के अतिरिक्त उनके हाथ में कुछ नहीं आता था। कुछ प्रेमिकाओं को प्रेमी भी मिल जाते थे। अर्थात गुरुजी का यह संस्थान एक प्रेम केंद्र के रूप में अधिक विकसित हो गया था। एमएलबी कॉलेज में लड़कियाँ नहीं पढ़ती थीं और केआरजी कॉलेज में लड़के नहीं पढ़ते थे, इसलिये प्रेम के लालायित लड़के लड़कियाँ कहाँ जाते? गुरुजी ने अपना कोचिंग सेंटर खोलकर इस दिशा में महान काम किया था।
चूंकि कोचिंग में सारा इन्वेस्टमेंट गुरुजी ने ही किया था, इसलिए प्रेम करने का पहला अधिकार गुरुजी अपना ही मानते थे। प्रत्येक वर्ष गुरुजी औसतन दो या तीन प्यार करते थे।
पुस्तक - ट्वेल्थ फ़ेल
लेखक - अनुराग पाठक