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बीआरओ(Border road organisation ) को सिर्फ 60 दिन में ये पुल बनाने का टास्क दिया लेकिन #BRO ने 24 घण्टे सातों दिन काम करके यह 430 फीट लंबा बेली पुल मात्र

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मौके_पे_चौका ❤🇮🇳🙏🏻#Must_Read वुहान वायरस को लेकर #अमेरिका #यूरोप समेत जब पूरी दुनिया  चीन को लातियाँ रही थी और चीन का पूरा प्रचार तंत्र व प्रशासनिक मशीनरी इस आक्रमण को  येन केन प्रकरेण कॉउंटर   करने में लगी हुई थी तभी भारतीय सरकार और सेना ने एक बड़ा #काण्ड कर डाला ! बिना चीन को भनक लगे ....... जैसा कि आपको पता ही होगा कि अरुणाचल प्रदेश चीन की दुखती रग रहा है और भारत की हर गतिविधि यहां तक कि प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों व सैन्य अधिकारियों के सरकारी दौरों का भी वो कड़ा विरोध करता आया है ! कश्मीरी लोगो के साथ साथ ही वो अरुणाचल प्रदेश के लोगो को भी  स्टेपल_वीजा या  नत्थी_वीजा देता आया है ! तो ऐसे में तो यहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण तो बहुत दूर की बात है ,हालांकि चीन अपनी तरफ वाले हिस्से में अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़के ,पुल यहाँ तक कि कई हवाई  पट्टियां तक बना चुका है ! चीन के दवाब या भय  के चलते ही पुरवर्ती सरकारें यहाँ कुछ भी करने से बचती रही नतीजन बावजूद अत्यधिक  सामरिक महत्व और विवाद का #एपिक_सेंटर ऐसा सेंटर जिस पर चीन से ए...

आप भी जानिए कौन थे #हीरू_ओनेडा

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*ये हीरू ओनेडा हैं। जापान की इम्पीरियल आर्मी का सिपाही, जिसने जिंदगी के 30 साल दूसरा विश्वयुद्ध लड़ते हुए गुजार दिए।* *दूसरे विश्वयुद्ध के पूर्व जापान में राजशाही, वस्तुतः एक फासिस्ट किस्म के सिस्टम पर शासन करती थी। जनता को देश के लिए मरने, और मारने की घुट्टी मिली होती है।कामिकाजे एक प्रथा है, जिसमे बचने का कोई मार्ग न मिलने पर समुराई, या कहिये फौजी अपनी मौत को उद्देश्य बनाकर लड़ता है।* *सुदूर समुद्र में जापानी बमवर्षक बम गिराने के बाद, अपना प्लेन भी अमेरिकी नेवल शिप से भेड़ देते, क्योकि प्लेन में वापस एयरस्ट्रिप तक जाने का फ्यूल न होता था। इन तरीकों से जापान, जर्मनी के सरेंडर के बाद भी युद्ध कुछ महीने खींच सका, और अंत मे एटम बम से दो शहरों के एल्हिनेशन के बाद ही सरेन्डर को तैयार हुआ।* *तो हीरू ओनेडा ने 1944 में आर्मी जॉइन की। इन्हें फिलीपींस के एक द्वीप पर अमरीकी हवाई अड्डे पर कब्जा करना था। दल असफल रहा, अमरीकी फ़ौज उतरी, और दल बेतहाशा मारा गया। हीरू और उनके तीन साथी पहाड़ों में जा छुपे।* *कुछ दिनों बाद हवाई जहाज से पर्चे गिरे, लिखा था समर्पण कर दो, जापान ने हार मान ली। जापान ह...

Waiting For a Visa हिन्दी में

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वीजा के लिए इंतजार  संस्मरण   वीजा के लिए इंतजार - भीमराव आंबेडकर        अनुवाद - सविता पाठक  कोई आंबेडकर कैसे बनता है ? यह लंबा वृत्तांत इसी प्रश्न का जवाब है। आश्चर्य की बात यह है कि डॉ. आंबेडकर इतनी तटस्थता के साथ यह सब कैसे लिख सके जो बचपन में और बाद में उनके साथ बीता। आज हम सब डॉ. आंबेडकर को जानते हैं , पर इसका एहसास कम ही लोगों को है कि इतने प्रतिभाशाली और काबिल होने के बाद भी सिर्फ महार परिवार में जन्म होने के कारण उन्हें कैसी-कैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था। एक बार तो वे मरते-मरते बचे। भारतीय संविधान ने अछूतपन को खत्म कर दिया है। पर देश के बहुत-से हिस्सों में आज भी वही कानून चल रहा है , जो दलित को सार्वजनिक कुएँ या तालाब से पानी पीने को रोकता है। भारत के विश्वविद्यालयों में डॉ. आंबेडकर की ऐसी कोई किताब शायद नहीं पढ़ाई जाती , पर उनकी पुस्तिका ' वेटिंग फॉर वीजा ' संयुक्त राज्य अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल है। पुस्तिका के संपादक प्रो. फ्रांसेज डब्ल्यू प्रिटचेट ने आंतरिक साक्ष्यों के आधार पर अनुमान...

हिंदू राष्ट्र के बारे में क्या सोचते थे डॉ. आंबेडकर लेख थोड़ा लंबा है फिर भी धैर्य से पढ़ें।

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हिंदू राष्ट्र के बारे में क्या सोचते थे डॉ. आंबेडकर लेख थोड़ा लंबा है फिर भी धैर्य से पढ़ें। *आज जब हम भारत के संदर्भ में राष्ट्रवाद के प्रश्न पर विचार कर रहे हैं, तो यह कोई अमूर्त अकादिमक विमर्श का प्रश्न नहीं, बल्कि बर्बर हिंदू राष्ट्रवाद अपने खूंख़ार नख-दंत के साथ हमारे सामने है। हिंदू राष्ट्र का ख़तरा आज भारत के दरवाज़े पर पुरज़ोर तरीके़ से दस्तक दे रहा है। भले ही भारत का संविधान न बदला गया हो, हां बदलने की बात की जा रही है और अभी भी औपचारिक तौर पर धर्मनिरपेक्ष हो, लेकिन वास्तविक जीवन में हिंदुत्ववादी शक्तियां समाज-संस्कृति के साथ राजसत्ता और सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर प्रभावी नियंत्रण कर चुकी हैं। संघ, भाजपा और संघ के अन्य आनुषंगिक संगठन ही आज देश की दिशा तय कर रहे हैं।आज हर भारतवासी से राष्ट्रवाद के नाम पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का समर्थन करने और उसके सामने सिर नवाने की मांग की जा रही है और इस राष्ट्रवाद को देशभक्ति का पर्याय बना दिया गया है। गऊ माता, भारत माता और वंदेमातरम् इसके प्रतीक चिन्ह बन गये हैं। जो कोई राष्ट्रवाद के इस हिंदुत्ववादी स्वरूप को स्वीकार करने से इंका...

World Health Day

Click here👈. To Know Live Corona Updates World Health Day World Health Day" 7 April 2020 this year 'WHO' launch of the first ever State of the World’s Nursing Report 2020.  to celebrate the "work of Nurses and Midwives" and to remind  the critical role play in keeping the world healthy. Nurses and other health workers are at the forefront of COVID-19 response - providing high quality, respectful treatment and care, in some instances,  collecting data for clinical studies. Say THANKS to all medical staff. WHO celebrate first time world health day - 7 April 1950.